Kargil War 1999? Kargil Vijay diwas! कारगिल युद्ध क्या था? कारगिल युद्ध की कहानी हिंदी में।

Kargil WaR – यह एक ऐसा युद्ध था जिसे टीवी पर लाइव दिखाया गया था। Kargil युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता हैं। कारगिल युद्ध एक ऐसा युद्ध था जिसे पूरा देश आज भी याद करता है और इस युद्ध को याद करने के बाद हर एक भारतीय का खून खोलने लगता है। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें वीरों ने हंसते-हंसते अपने प्राण त्याग दिए और इस मातृभूमि के लिए शहीद की उपाधि धारण कर ली, तो आज हम आपको इस कारगिल युद्ध से संबंधित पूरी कहानी आपको बताएंगे ताकि आपको भी इस कारगिल युद्ध के बारे में सही से जानकारी मिल सके।

Kargil War

आपको कारगिल युद्ध के बारे में पता होगा या आपने कारगिल युद्ध के बारे में पहले भी कही पढ़ा होगा या फिर कहीं से भी जानकारी हासिल की होगी। अगर आपने कारगिल युद्ध के बारे में पूरी तरह से जानकारी हासिल नहीं कि या आपको पता नहीं है तो आज आप यहां से इस युद्ध के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल कर पाएंगे। कारगिल युद्ध से संबंधित हमने आपको कारगिल युद्ध की शुरुआत कब हुई थीं? कारगिल दिवस कब मनाया जाता है? कारगिल युद्ध के परिणाम क्या निकले? कारगिल युद्ध में क्या क्या हुआ? और कारगिल युद्ध किन-किन के बीच में हुआ? और भी बहुत कुछ विस्तार से जानकारी इस पोस्ट के अंदर आपको आसान शब्दों में समझाई गई है।

Kargil Vijay Diwas? कारगिल दिवस? कारगिल युद्ध की कहानी हिंदी में।

कारगिल युद्ध भारत व पाकिस्तान के बीच हुआ था।कारगिल युद्ध की शुरुआत 21 साल पहले हुई थी। जब किसी चरवाहे ने कारगिल की पहाड़ी पर घुसपैठियों (पाकिस्तानी सैनिकों) के द्वारा पहाड़ी पर कब्जा करने की बात सुनी। तो इस सबको देखकर इसकी सूचना 3 मई 1999 को किसी भारतीय सैनिक अफसर को दी। आपको बता दे पाकिस्तान ने अपने 5000 से अधिक घुसपैठिऐ सैनिकों के साथ मिलकर कारगिल की पहाड़ियों पर कारगिल युद्ध की शुरुआत 3-4 मई 1999 को कर दी थी। जब इस बात का पता भारत सरकार को चला तब इस युद्ध के विरोध में कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए थे। भारत सरकार के आदेशों के बाद भारतीय सेना ने घुसपैठियों व पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ना शुरू कर दिया था।

परमाणु बम का परीक्षण होने के बाद भारत व पाकिस्तान का यह पहला युद्ध था जिसमें पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और इसमें 26 जुलाई 1999 में भारत को जीत का सामना करना पड़ा। इस प्रकार भारत को कारगिल युद्ध में विजय होने के बाद हर वर्ष 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध के अंदर पाकिस्तानी सेना के साथ जम्मू और कश्मीर के कुछ उग्रवादी भी शामिल थे जिन्होंने पाकिस्तान के सैनिकों का साथ देकर भारत की सीमा पर कब्जा करने की कोशिश की और उन्होंने LOC पार करके भारत में घुस गए, जिसे हिंदी में नियंत्रण रेखा अर्थात लाइन ऑफ कंट्रोल कहा जाता है। इस प्रकार पाकिस्तानी सैनिकों को जम्मू-कश्मीर के उग्रवादियों का भी साथ मिल गया।

कारगिल युद्ध के परिणाम? Reason of Kargil war?

कारगिल युद्ध लंबे समय तक चलने की वजह से दोनों देशों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा और इस युद्ध के समाप्त होने के बाद इसके कई परिणाम निकले। हालांकि इस युद्ध की वजह से पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान पहुंचा था, जबकि भारत को इस युद्ध से इतना नुकसान नहीं पहुंचा था। इस युद्ध के शुरू होने से पहले भारत व पाकिस्तान के बीच फरवरी 1999 को घोषणा पत्र पर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था जिसमें दोनों देश मिलकर कश्मीर के विवाद को वार्तालाप तरीके से मिलकर हल करेंगे।

लेकिन ऐसा पाकिस्तान की छल कपट नीति से संभव नहीं हो पाया, क्योंकि पाकिस्तान अपने सैनिकों के साथ घुसपैठियों को भारत की सीमा (LOC) में भेजने लगा। इसके बाद पाकिस्तान की सेना व घुसपैठियों ने 18000 फीट ऊंची कारगिल पहाड़ी पर कब्जा कर लिया। इसका मुख्य उद्देश्य लद्दाख और कश्मीर के बीच संपर्क को तोड़ना था। इसके बाद पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध करने पर भारत को मजबूर कर दिया।

कारगिल युद्ध की समाप्ति के बाद भारत के अंदर देश प्रेम की भावना बढ़ गई और एकता को बढ़ावा दिया गया। भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में अर्थव्यवस्था को सही तरीके से संभाल लिया गया। वहीं दूसरी और पाकिस्तान को अपनी सरकार से हाथ धोना पड़ा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटा दिया गया और परवेज मुशर्रफ राष्ट्रपति बन गए। इसी के साथ पाकिस्तान सरकार के बीच झगड़े बढ़ते गए।

कारगिल की पहाड़ी पर कब्जा होने की वजह से पाकिस्तानी सैनिक व घुसपैठिए काफी ऊंचाई पर मौजूद थे,और भारत के सैनिक पहाड़ी के नीचे मौजूद थे। क्योंकि यहां पर बराबरी का सामना नहीं था। जिसकी वजह से भारत को इस युद्ध में 530 भारतीय वीर सैनिक शहीद हुए और 1300 सैनिक घायल हुए। वहीं दूसरी और भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के 2700 सैनिक व घुसपैठियों को मार गिराया। जिससे पाकिस्तान की सेना का मनोबल टूट गया और 250 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक पीठ दिखाकर भागने लगे।

भारतीय लड़ाकू अस्त्र? भारतीय सेना के युद्ध में हथियार?

कारगिल युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान के द्वारा मई 1999 कारगिल पहाड़ी से शुरू की गई थी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने 32000 फीट की ऊंचाई से एयर पावर का उपयोग किया था। पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने अपने उस समय के सबसे शक्तिशाली भारतीय वायु सेना के विमान मिग-27 व मिग-29 का इस्तेमाल करके बम गिराए जहां पर पाकिस्तान ने भारत की भूमि पर कब्ज़ा किया था। साथ ही में पाकिस्तान के मुख्य ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों की मदद से बम गिरा करके उनको तहस-नहस व नाबूज़ कर दिया था।

इसके अंदर बोफ़ोर्स एफएच-77 बी, और बड़ी संख्या में तोपो का इस्तेमाल किया गया था। आपको बता दे इस संकट की घड़ी में भारत की मदद सिर्फ इजराइल देश ने की थी। जिसने तोपो व युद्ध में उपयोग होने वाली सामग्री उपलब्ध करवाई थी, इजराइल ने भारत को UAV (ड्रोन) उपलब्ध करवाए थे,जो कि युद्ध में मददगार साबित हुए थे।

इस युद्ध के अंदर भारी संख्या में बमों और रॉकेटो का इस्तेमाल किया गया था। इस युद्ध में तकरीबन 250000+ से अधिक गोले गिराए गए थे। साथ ही में 5000+ से अधिक बम फायर करने के लिए 300+ से अधिक मोर्टार, रॉकेटों और तोपो का इस्तेमाल किया गया था। इस कारगिल युद्ध के अंदर 17 दिनों में हमेशा प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया था। यह एक ऐसा युद्ध जिसमें दुश्मन देश को हमेशा के लिए मुंह की खानी पड़ी।

कारगिल युद्ध का घटनाक्रम 1999?

  • कारगिल युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान के द्वारा शुरू की गई थी। एक चरवाहे की सूचना पर इस युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 में कारगिल पहाड़ी से हुई थी।
  • भारतीय सेना की एक पेट्रोलिंग टीम की टुकड़ी इसकी जांच के लिए 5 मई को कारगिल पहाड़ी पर पहुंची तथा पाकिस्तानी सेना के द्वारा उन्हें बंदी बना लिया गया और 5 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया।
  • कुछ दिन बाद यानी कि 9 मई के आस-पास ही भारतीय सेना और पाकिस्तान की सेना के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें भारतीय सेना के गोला बारूद नष्ट हो गए।
  • 10 मई को जम्मू कश्मीर के उग्रवादी पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर के LOC पार करने लगे।
  • 26 मई को भारत सरकार ने वायु सेना को तैनात होने के आदेश दे दिए और भारतीय वायु सेना तैनात हो गई।
  • आदेश के साथ तैनात होते ही 27 मई को मिग-27 और मिग-29 का पाकिस्तानी सेना को तहस-नहस किया गया।
  • आखिरकार 26 जुलाई 1999 को पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी और भारत इस कारगिल युद्ध में विजय रहा। इस प्रकार युद्ध 2 महीनों तक चलता रहा अंत में यदि सच्चाई की ओर मुड़ गया।

कारगिल युद्ध घटनाक्रम की सारणी – कारगिल विजय दिवस 1999?

कारगिल युद्धKargil WaR – यह एक ऐसा युद्ध था जिसे टीवी पर लाइव दिखाया गया था।
कारगिल युद्ध की शुरुआत कब हुई थीं?3 मई 1999 में कारगिल पहाड़ी से हुई थी।
कारगिल दिवस कब मनाया जाता है?भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है।
कारगिल युद्ध किन-किन के बीच में हुआ?भारत और पाकिस्तान के बीच में हुआ था।
कारगिल युद्ध के परिणाम क्या निकले?दोनों देशों को हर तरह के नुकसान हुआ।
कारगिल युद्ध के क्या कारण थे?कारगिल युद्ध की मुख्य वजह – कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के जरिये घुसपैठ करने की साजिश।
कारगिल युद्ध कितने दिन चला?3 मई 1999 को शुरू हुआ कारगिल युद्ध 2 महीने से भी अधिक चला था और 26 जुलाई को जंग खत्म हुई थी।
कारगिल युद्ध में किसकी विजय हुई?प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस युद्ध में भारत की जीत का ऐलान किया था।
कारगिल युद्ध के समय भारत के राष्ट्रपति कौन थे?उस समय भारत के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ थे।
कारगिल युद्ध का कोड नेम क्या था?भारत – पाकिस्तान कारगिल युद्ध का कोड नाम ऑपरेशन विजय था।
कारगिल युद्ध का हीरो कौन था?लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी कारगिल की जंग के हीरो रहे हैं।

राजस्थानी लोकगीत – सभी जानकारी पढ़े?

Conclusion – निष्कर्ष?

अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई है तो आपसे अपने दोस्तों अपने भाइयों को उनके व्हाट्सएप,फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर आदि सोशल मीडिया पर जरूर शेयर कीजिए, ताकि उन्हें भी इस कारगिल युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सके और उन्हें भारत के बारे में भी कुछ जानकारी प्राप्त हो सके।

admin
admin

One comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *